25 जुलाई 2008, स्थान- सूचना प्रौद्योगिक शहर बेंगलुरु. एक घंटे के भीतर हुए आठ विस्फोटों से एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि सात लोग घायल हो गए.
आने वाली सुबह पता नही किसके घर के चिराग अपने साथ बुझा ले जायेगी??
अहमदाबाद धमाकों के सुराग माननीय केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल जी के पास हैं, लेकिन देशहित में वे इसे सार्वजनिक नहीं करेंगे. कोई उनसे पुछे आखिर किस देशहित की बात वह कर रहे हैं????
जिस लगन और मेहनत से हमारे राजनीतक आका सरकार गिराने और बचाने की कवायद करते हैं, काश उसकी आधी मेहनत भी देश की सुरक्षा के लिए किया होता. तो आतंकवाद का यह नंगा नाच न होता. आतंकी लगातार अपने मंसूबों में कामयाब न होते.
राजनीतिक रुप से विफल इस देश का सफल नागरिक आतंकवाद की वेदी पे अपनी बली दे रहा हैं. दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढाने वाला यह देश, आज अपने नागरिको को सुरक्षा नही दे पा रहा. हर बार विशेष जाँच दल बनता है, जाँच चलती है, न्यायालय में केस चलता है और धीरे धीरे फिर भूल जाते हैं.
सोचिए, 9/11 के बाद अमरीका में और 7/7 के बाद ब्रिटेन में कोई बडा आतंकवादी हमला नहीं हुआ. यहाँ तक कि स्पेन जैसे देश में मेड्रिड धमाकों के बाद कोई हमला नहीं हुआ. हालत यह होने लगी है कि अब आतंकवादी हमले बाढ, चक्रवात और सुखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं जैसे लगने लगे हैं.
हम भारतीय आतंकवाद के खिलाफ लडाई में हार रहे हैं.दूनिया के समक्ष देश की छवि एक कमजोर राष्ट्र की बन रही है. देश के निति निर्धारकों मे ईच्छाशक्ति की कमी है. हम हद से अधिक उदासीन और सहिष्णु हो गए हैं.
हमारा देश सचमुच में एक कमजोर देश हैं. हमारा देश राजनीतिक रुप से एक विफल देश साबित हो रहा हैं, और हम इस देश के सफल नागरिक.
जिस लगन और मेहनत से हमारे राजनीतक आका सरकार गिराने और बचाने की कवायद करते हैं, काश उसकी आधी मेहनत भी देश की सुरक्षा के लिए किया होता. तो आतंकवाद का यह नंगा नाच न होता. आतंकी लगातार अपने मंसूबों में कामयाब न होते.
राजनीतिक रुप से विफल इस देश का सफल नागरिक आतंकवाद की वेदी पे अपनी बली दे रहा हैं. दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढाने वाला यह देश, आज अपने नागरिको को सुरक्षा नही दे पा रहा. हर बार विशेष जाँच दल बनता है, जाँच चलती है, न्यायालय में केस चलता है और धीरे धीरे फिर भूल जाते हैं.
सोचिए, 9/11 के बाद अमरीका में और 7/7 के बाद ब्रिटेन में कोई बडा आतंकवादी हमला नहीं हुआ. यहाँ तक कि स्पेन जैसे देश में मेड्रिड धमाकों के बाद कोई हमला नहीं हुआ. हालत यह होने लगी है कि अब आतंकवादी हमले बाढ, चक्रवात और सुखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं जैसे लगने लगे हैं.
हम भारतीय आतंकवाद के खिलाफ लडाई में हार रहे हैं.दूनिया के समक्ष देश की छवि एक कमजोर राष्ट्र की बन रही है. देश के निति निर्धारकों मे ईच्छाशक्ति की कमी है. हम हद से अधिक उदासीन और सहिष्णु हो गए हैं.
हमारा देश सचमुच में एक कमजोर देश हैं. हमारा देश राजनीतिक रुप से एक विफल देश साबित हो रहा हैं, और हम इस देश के सफल नागरिक.
3 comments:
सही कही। हमारे देश को अब ये राजनेता दिन दूना रात चौगुना खोखला कर रहे हैं। देश की खाल उधेड़कर अपने लिये सूट-पैंट बनवा रहे हैं ये साले। एक नज़र यहां भी देखें।
आतंकवाद यह कुत्ते नेता ही फ़ेलाते हे, वरना इन का कोई अपना क्यो नही मरता ?
धन्यवाद
Post a Comment
खबरनामा को आपकी टिप्पणी की जरुरत हैं! कृप्या हमारा मार्गदर्शन करे! आपको टिप्पणी करने के लिए तहे दिल से अग्रिम धन्यवाद!!!