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Tuesday, September 23, 2008

‘आतंकवाद की नर्सरी’ बनता आजमगढ़

सांकृत्यायन और कैफी का आजमगढ़ अब 'आतंकवाद की नर्सरी’ बनता जा रहा है। एक जमाने में इस्लामी शिक्षा के लिए विश्व प्रसिद्ध आजमगढ़ आज आतंकवाद की काली साया में डरा सहमा अपने पहचान बनाये रखने के लिए तड़प रहा हैं। गुलाम भारत को आजाद कराने के लिए वर्ष 1857 की क्रान्ति में आजमगढ़ के वीर शहीदों वीर कुंवर सिंह, गोगा साव, भीखा साव और आजमशाह जैसे सेनानियों ने तिरंगा हाथों में थामा और इसे ऊँचा रखने के लिए जान की बाजी लगा दी। और आज उसी आजमगढ़ की मिंट्टी ने ऐसे कपुतो को पैदा किया की, सिमी के खतरनाक आतंकवादी अबु बशर और दिल्ली विस्फोटों में शामिल साजिद और आतिफ के नाम से बदनाम हो गया है आजमगढ़।


देश के तमाम हिस्सों में हुए बम धमाकों के तार ऐसे आजमगढ़ से जुड़े कि अब तो समूचे जनपद को शर्मशार होना पड़ रहा है। जनपद के सरायमीर थाना क्षेत्र का संजरपुर कस्बा सर्वाधिक चर्चा में है, क्योंकि मारे गए आतंकवादी इसी गांव के है। 45 लाख की आबादी वाले आजमगढ़ जिले में चन्द मुट्ठीभर लोगों के हावी होने से अब आजमगढ को आतंक का गढ़ कहा जाने लगा है। चन्द मुट्ठीभर लोगों ने लगभग 45 लाख की मिश्रित आबादी- हिन्दू, मुसलमान, सिख और ईसाइयों को इस कदर बदनाम किया कि हर कोई आज इन घटनाओं से शर्मशार है।

आजमगढ़ की गंगा जमुना संस्कृति कही खो सी गयी हैं। सांकृत्यायन, कैफी आजमी ,शिक्षाविद अल्लामा शिब्ली नोमानी, पंडित अयोध्याय सिंह उपाध्याय (हरिऔध) को भुला कर, आज यहां भटक गयी युवा पीढ़ी ने दाउद इब्राहिम, अबू सलेम, हाजी मस्तान और अब मुफ्ती अबू बशीर को अपना आदर्श बना लिया है जिससे इस जिले को आतंकवादियों की जननी कहा जाने लगा है।

आज उप्र के पूर्वांचल में स्थित जनपद आजमगढ़ आतंकवादी हमलों से आहत पूरे देश की निगाह में मुजरिम साबित हो रही हैं।

एक नजर आजमगढ़ की काली इतिहास पे-
* 1993 में मुम्बई बम धमाकों का आरोपी बना आजमगढ़ के सरायमीर निवासी अबु सलेम, जो अभी भी कारागार में बन्द है।
*आजमगढ़ के मुबारकपुर थाना क्षेत्र के बम्हौर गांव के बने देशी तमन्चे से ‘कैसेट किंग’ गुलशन कुमार की हत्या।
*अयोध्या में मारे गए आतंकी इमरान का फर्जी पासपोर्ट आजमगढ़ से बना मिलना।
*वाराणसी में गिरफ्तार पाक आतंकी वलीउल्लाह का डीएल भी आजमगढ़ में बना हुआ।
*वर्ष 2000 में पाकिस्तान का एक आतंकवादी शहर से पकड़ा गया।
*वर्ष 2007 में वाराणसी कचहरी में हुए बम धमाके का आरोपी हकीम तारिक कासमी गिरफ्तार किया गया।
*14 अगस्त 2008 को आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापारा से मुफ्ती अबुल बसर की गिरफ्तार हुई, जिसपर अहमदाबाद बम धमाकों का मास्टरमाइन्ड होने का आरोप है।

1 comments:

Anonymous said...

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