'हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया..' आज की पीढी का मूलमंत्र बन गया है । कही धुएं में खो गया है आज का बचपन, मासूमियत सिगरेट, बीड़ी व पान-मसाला के भेट चढ़ गयी हैं। अब स्कूलों के पास चनाचूर, आइसक्रीम........ से जयादा, सिगरेट, बीड़ी व पान-मसाला बिकती हैं।
'18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को सिगरेट पान-मसाला देना प्रतिबंधित है।' लेकिन कहा दिखती है, ये कानून । आज शहर की सड़कों पर खुलेआम 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे सिगरेट का धुआं उड़ा रहे हैं। इनका पालन देश के किसी कोने में नहीं हो रहा। विक्रेता बिना किसी सरोकार के महज अपने जरा से लाभ के लिए बच्चों को सिगरेट, गुटका, पान-मसाला आसानी से बेच रहे हैं। नई पीढ़ी नशे के इस जाल में फंसकर अपने जीवन के मूल उद्देश्य से भटक रही है। इस नशे के आदी हो चुके बच्चे धीरे-धीरे परिवार व समाज से कटते जा रहे हैं।
कई तो इस नशे की दुनिया में इतना आगे निकल चुके हैं कि गुटका व सिगरेट तो महज उनके लिए मामूली नशा है। दवाओं के नशे इनके लिए नयी बिकल्प बनती जा रही हैं। व्हाइट फ्ल्यूड, आयोडेक्स, स्पस्मोप्रोक्सिवं, कोरेक्स, किरोसिन तेल और पता नहीं क्या क्या इन मासूमो के लिए कूल बनता जा रहा हैं।
पैसे की अंधी दौर, सामाजिक ताना बाना का टूटना, एकल परिवार व्यवस्था का आना, व्यस्त अभिभावकों का बच्चो को समय नहीं दे पाना, शायद इस समस्या की जर हैं । बच्चों से नशे का सामान मंगवाना और बच्चों के सामने इसका सेवन करना बच्चों पर काफी बुरा प्रभाव डालता है। नाबालिगों को नशे की इस गर्त में धकेलने के लिए स्कूल भी एक हद तक जिम्मेदार हैं।
कौन है इसके लिए जिम्मेदार ???
हम....... हमारा समाज..........या फिर हमारी व्यवस्था !!!!!
येः वक़्त सोचने का नहीं, कुछ करने का है, वर्ना इस देश की आने वाली पीढी नशे की धुंध में कही खो न जाये ।
8 comments:
nice sumit not bad its really very nice
I am very glad to see a post like this coming from You. Its really good that you are concerned about this fact and also understand the repurcussions this kind of addiction may have. Just keep one thing in mind that knowing is gOOd but application is even better.
Keep the good work goin..
good it realy touched me..
good u can do betteer
"nashe me khota bachpan"
u r also reponsible 4 this dear..
u know better tat why i am telling like dis?
bus likhne se hi nahi hota
first u have to leave it
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amandeep...nrai
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all the best.
anshu
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