सही मायने में हम हिन्दुस्तानी आतंकवाद के खिलाफ लडाई में हार चुके हैं। हाल के दिनों में भारत में लगातार कई बम धमाके हुए हैं। हर घटना के बाद वादे किये जाते हैं, आतंकवाद पर काबू पाने की कसमे खाए जाती हैं। कथित मानवाधिकारवादी पुलिस का मनोबल तोड़कर आतंकवादियों का हौसला बढ़ा रहे हैं। हालाकिं कभी भी मानवाधिकारवादी आतंकवादी गतिविधियों का निंदा नहीं करते।
एक नज़र हाल के कुछ बड़े धमाकों पे-
# 27 सितम्बर 2008- देश की राजधानी दिल्ली के महरौली इलाके में एक बम विस्फोट, इस धमाके में चार लोगों के मरने की खबर है तथा कम से कम 17 लोग घायल हुए हैं।
# 13 सितंबर 2008 - दिल्ली के तीन बाज़ारों में सिलसिलेवार बम धमाके। 24 लोगों की मौत, सैकड़ों घायल। इंडियन मुजाहिदीन ने ज़िम्मेदारी ली.
# 26 जुलाई 2008 - गुजरात का अहमदाबाद शहर सिलसिलेवार धमाकों से दहला। कम से कम 16 धमाकों में 45 लोगों की जानें गईं.
# 25 जुलाई 2008 - भारत की आईटी सिटी बंगलौर में आठ धमाके, कम तीव्रता वाले इन धमाकों में एक महिला की मौत हुई जबकि घायलों की संख्या लगभग 15 थी।
# 13 मई 2008 - गुलाबी नगरी जयपुर दहली श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों से। भीड़भाड़ वाले इलाकों में सात धमाकों में कम से कम 63 लोगों को जान गंवानी पड़ी।
# 25 अगस्त 2007 - हैदरबाद में आतंकवादी हमले के लिए भीड़ भाड़ वाले इलाकों को चुना गया । इसमें 40 लोग मरे.
# 18 मई 2007 - जुमे की नमाज के वक्त हैदराबाद की ऐतिहासिक मस्जिद में धमाका। 11 लोगों की मौत। इसके बाद धमाकों के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान उग्र भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस फायरिंग में पांच की मौत.
# 19 फरवरी 2007 - भारत से पाकिस्तान जाने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में दो बम धमाके, 66 लोगों की मौत जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे।
# 8 सितंबर 2006 - महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास सिलसिलेवार धमाके हुए जिनमें कम से कम 32 लोग मारे गए।
# 11 जुलाई 2006 - मुंबई में ट्रेन में सिलसिलेवार सात धमाके हुए। 180 से ज्यादा लोग मारे गए।
# 7 मार्च 2006 - वाराणसी के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में तीन धमाके हुए। कम से कम 15 लोग मारे गए और 60 घायल हुए।
# 29 अक्टूबर 2005 - दिल्ली के सरोजिनी नगर बाज़ार में तीन धमाके। 66 लोगों की मौत।
# 15 अगस्त 2004 - असम में एक बम धमाका। 16 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। मरने वालों में ज्यादातर स्कूली बच्चे थे।
# 25 अगस्त 2003 - मुंबई में झावेरी बाजार सहित दो जगहों पर कार बम विस्फोट। 60 लोगों की मौत।
# 13 मार्च 2003 - मुंबई की लोकल ट्रेन में धमाका, 13 लोगों की मौत।
जेहादी आतंकवाद का जाल पूरे देश में फैल गया है तथा इस पर काबू पाने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे। पुलिस को अब सेना जैसे विशेष अधिकार मिलने चाहिए ताकि वह बिना राजनीतिक दबावों के आतंकवाद को कुचल सके।
(सभी डाटा के लिए गूगल का आभार)